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11वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए योगी आदित्यनाथ और प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

latest news Secret crime news , Bhopal 11वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए योगी आदित्यनाथ और प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं | – डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह योग भारत की ऋषि परम्परा का ऐसा मंत्र, जो स्वस्थ काया के साथ-साथ स्वस्थ मस्तिष्क भी उपलब्ध कराता  है। योग की परम्परा को आगे बढ़ाने का श्रेय प्रधानमंत्री जी को जाता, जिनके प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग की विरासत को वैश्विक मान्यता देकर 21 जून की तिथि को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।  ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्‘ भाव की पूर्ति योग के माध्यम से होती भारत ने योग को आत्मकल्याण के माध्यम से लोक कल्याण का माध्यम बनाकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। चेतना के उच्च आयामों के माध्यम से भारतीय मनीषा ने दुनिया को अनेक रहस्यमयी स्थितियों से अवगत कराने का कार्य किया। योगी आदित्यनाथ जी अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग भारत की ऋषि परम्परा का ऐसा मंत्र है, जो स्वस्थ काया के साथ-साथ स्वस्थ मस्तिष्क भी उपलब्ध कराता है। भारतीय मनीषा ने प्राचीन काल से ही योग के महत्व से हम सभी को विस्तृत रूप से अवगत कराया है। मनीषा का मानना रहा है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्‘ अर्थात् धर्म के सभी साधनों, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति एक स्वस्थ्य शरीर से ही  सम्भव है। ‘शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्‘ भाव की पूर्ति योग के माध्यम से होती है। मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में श्री गोरखनाथ मन्दिर के महन्त दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में 11वें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर वह योगाभ्यास में भी सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि आज अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम से देश व दुनिया के लोग जुड़ रहे है। विशाखापट्टनम्, आन्ध्र प्रदेश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी योग कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पूरी दुनिया को भारत की योग परम्परा के महत्व से अवगत करा रहे हैं। धर्म, आध्यात्मिक उन्नयन, सर्वांगीण विकास, सांसारिक उत्कर्ष आदि से जुड़े कार्य स्वस्थ शरीर के बिना नहीं हो सकते। यदि आप स्वस्थ शरीर के माध्यम से अर्थ के उपार्जन के साथ जुड़ते है, तो वह लोक कल्याण का माध्यम बनता है। आपको अनेक प्रकार से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। स्वस्थ शरीर द्वारा ही कामनाओं की पूर्ति होती है। स्वस्थ शरीर के माध्यम से व्यक्ति आध्यात्मिक उन्नयन के उच्च सोपानों को प्राप्त कर सकता है। जिसके माध्यम से हमारी ऋषि परम्परा ने सबके सामने एक विस्तृत भण्डार प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि योग भारत की ऋषि परम्परा का प्रसाद है। भारत ने योग को आत्मकल्याण के माध्यम से लोक कल्याण का माध्यम बनाकर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। इसकी लम्बी परम्परा तथा अलग-अलग आयाम देखने को मिलते हैं। दुनिया में भारत की तुलना केवल आर्थिक उन्नयन के लिए नहीं होती, बल्कि आर्थिक उन्नयन केवल एक पक्ष है। चेतना के उच्च आयामों के माध्यम से भारतीय मनीषा ने दुनिया को अनेक रहस्यमयी स्थितियों से अवगत कराने का कार्य किया था। चेतना के उच्च आयामों के माध्यम से व्यक्तित्व का विकास सम्भव हुआ। ब्रह्माण्ड के जो रहस्य विश्व मानवता के लिए दुर्लभ हैं, भारतीय ऋषि परम्परा ने उन्हें उद्घाटित करते हुए भारत के धर्म ग्रन्थों में समाहित कर एक विरासत के रूप में वेदों, उपनिषदों, पुराणां, स्मृतियों तथा शास्त्रों के रूप में हम सबके सामने प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय मनीषा की विरासत तथा भारतीय ऋषि परम्परा के योग सम्बन्धी ज्ञान से दुनिया के अनेक देश लाभान्वित होते थे, लेकिन इन यौगिक क्रियाओं को अपने नाम से पेटेंट कराने तथा अपने ग्रन्थों में संकलित करने का कार्य करते थे। परिणामस्वरूप भारत अपनी विरासत से वंचित हो जाता था। योग की इस परम्परा को आगे बढ़ाने का श्रेय प्रधानमंत्री जी को जाता है। हर भारतवासी प्रधानमंत्री जी का आभारी है, जिनके प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ ने योग के इस विरासत को वैश्विक मान्यता देकर 21 जून की तिथि को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि दुनिया के लगभग 190 देश 21 जून, 2015 से लगातार भारत की योग की विरासत के साथ जुड़कर अपने को गौरवान्वित महसूस करते हैं।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस ऋषि परम्परा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर तथा आने वाली पीढ़ियों को अपनी विरासत से जोड़ने का प्रयास है। यह एक स्वस्थ शरीर के माध्यम से एक स्वस्थ मस्तिष्क की अवधारणा को साकार करने का भी प्रयास है। भारतीय मनीषा कहती है कि जिस व्यक्ति के पास योगाग्नि से तपा हुआ शरीर है, उस व्यक्ति से जरा (बुढ़ापा) तथा मृत्यु आदि व्याधियां हमेशा दूर रहती हैं। यह सब नियमित एवं संयमित दिनचर्या के माध्यम से सम्भव है। Trending यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। ​ February 24, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा April 1, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव June 3, 2025 | Breaking,Uttar Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More 70 अंकों मूल्याकंन नही करना चाहते है बाहय परीक्षक ? 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योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव

latest news Secret crime news , Bhopal योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव | – डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ, दोनों ही प्रमुख चेहरे हैं। दोनों नेताओं की अपनी अपनी राजनीतिक शैली, समर्थक और चुनौतियाँ हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव दो ऐसे नाम हैं, जो आगामी विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। दोनों नेताओं की अपनी-अपनी राजनीतिक शैली, समर्थक वर्ग और मुद्दे हैं, जो उन्हें एक-दूसरे से अलग करते हैं।        अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के प्रमुख हैं और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख राजनीतिक नेता थे, जिससे उन्हें एक मजबूत राजनीतिक विरासत मिली।उनकी राजनीति में युवा मतदाताओं और समाजवादी विचारधारा के समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अखिलेश यादव को एक अपेक्षाकृत नरम और विकास उन्मुख नेता के रूप में देखा जाता है। उन्होंने अपने कार्यकाल में राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने समाजवादी पार्टी की परम्परागत राजनीति से हटकर विकास को एक मुद्दा बनाया। अखिलेश यादव को अपनी पार्टी के भीतर पारिवारिक विवादों और गुटबाजी का सामना करना पड़ा है। उन पर अपनी सरकार के दौरान कानून व्यवस्था को लेकर भी आलोचनाएँ हुई हैं। अखिलेश यादव को युवा नेतृत्व के रूप में देखा जाता है, जो युवा मतदाताओं को आकर्षित करता है।उनकी पार्टी, समाजवादी पार्टी (सपा), सामाजिक न्याय के मुद्दों पर जोर देती है, जो पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यकों के बीच लोकप्रिय है। अखिलेश यादव ने आगामी चुनावों के लिए पीडीए राजनीति पर बहुत जोर दिया है। विपक्षी दलों के साथ गठबंधन से उन्हें भाजपा को कड़ी टक्कर देने में मदद मिल सकती है। समाजवादी पार्टी का राज्य में एक मजबूत जमीनी आधार है।        योगी आदित्यनाथ एक हिंदू धार्मिक नेता के अलावा भारतीय जनता पार्टी के एक प्रमुख नेता हैं और उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। जिससे उन्हें एक मजबूत धार्मिक और सांस्कृतिक समर्थन मिलता है। उनकी राजनीति में हिंदुत्व और राष्ट्रवादी विचारधारा का महत्वपूर्ण स्थान है। योगी आदित्यनाथ को एक सख्त और निर्णायक नेता के रूप में जाना जा रहा है। उन्होंने कानून व्यवस्था में सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर जोर दिया है। उनकी राजनीति में हिंदुत्व एक प्रमुख मुद्दा है, और वह अपनी स्पष्टवादी शैली के लिए जाने जाते हैं। योगी आदित्यनाथ पर कभी-कभी उनकी सख्त नीतियों और बयानों के लिए आलोचनाएँ भी होती हैं।योगी आदित्यनाथ की सबसे बड़ी ताकत उनकी हिंदुत्व की राजनीति है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपनी एक मजबूत हिंदूवादी छवि बनाई है, जो भारतीय जनता पार्टी के कोर वोटर को आकर्षित करती है। योगी सरकार ने राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने का दावा किया है, जो उनके समर्थकों के बीच एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। योगी आदित्यनाथ को एक सख्त प्रशासक के रूप में देखा जाता है, जो उनकी सरकार की दक्षता को दर्शाता है। योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने पर जोर दिया है।        उक्त दोनों नेताओं की राजनीतिक शैली और विचारधारा में स्पष्ट अंतर है। अखिलेश यादव जहाँ विकास और सामाजिक न्याय पर जोर देते हैं, वहीं योगी आदित्यनाथ कानून व्यवस्था और हिंदुत्व को प्राथमिकता देते हैं। दोनों ही नेताओं के पास अपना मजबूत वोट बैंक है। अखिलेश यादव के पास समाजवादी पार्टी का परम्परागत वोट बैंक है, तो योगी आदित्यनाथ के पास भाजपा का संगठित कैडर और हिंदुत्व का समर्थन है। दोनों ही नेताओं ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भविष्य में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहने की संभावना है। दोनों ही नेता अपने अपने तरीके से उत्तर प्रदेश की राजनीती में अपना प्रभाव रखते हैं। अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ दोनों ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। दोनों नेताओं की अपनी-अपनी ताकत और … download Trending यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। ​ February 24, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा April 1, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव June 3, 2025 | Breaking,Uttar Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More 70 अंकों मूल्याकंन नही करना चाहते है बाहय परीक्षक ? 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प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा

latest news Secret crime news , Bhopal प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा – डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह रसायन षास्त्र पदार्थो के गुणों, संरचना, परिवर्तनों और रहस्यों को समझने का अध्ययन करना विज्ञान का महत्वपूर्ण और अनिवार्य पक्ष है। रसायन षास्त्र की जटिलताओं को जानने के लिए सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ प्रायोगिक ज्ञान एवं कौशल का होना भी अत्यंत आवश्यक है। रसायन षास्त्र प्रयोगशाला, रसायन षास्त्र के छात्र-छात्राओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जहाँ वे सिद्धांतों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव करते है। विभिन्न रासायनिक अभिक्रियाओं को अपनी आँखों से देखते हैं और वैज्ञानिक विधि के अनुसार प्रयोगों को सफलतापूर्वक संपन्न करने की विधियों को जानते एवं सीखते है। एक सुसज्जित प्रयोगशाला न केवल छात्र-छात्राओं को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि अवलोकन, विश्लेषण, निष्कर्ष निकालने के साथ ही एक सामूहिक कार्य करने की भावना भी विकसित करती है। रसायन षास्त्र की प्रयोगशाला विभिन्न प्रकार के अस्थायी एवं स्थायी उपकरणों से भरी होती है, जैसे कि बीकर, फ्लास्क, पिपेट, ब्यूरेट, फिल्टर पेपर, बर्नर, बैलेंस, स्पेक्ट्रोफोटोमीटर आदि। इन उपकरणों को प्रत्यक्ष रूप से देखना, उन्हें पकड़ना और उनका सही उपयोग करना एक महत्वपूर्ण कौशल है जो केवल प्रयोगशाला में ही सीखा जा सकता है। रसायन षास्त्र मूल रूप से रासायनिक अभिक्रियाओं का अध्ययन है। प्रयोगशाला में छात्र विभिन्न रसायनों को मिलाते है। उन्हें गर्म करते हैं या अन्य कंडीषन मे होने वाले परिवर्तनों को अपनी आँखों से देखते और समझते है। रंग में परिवर्तन, गैस का निकलना, अवक्षेप का बनना या ऊष्मा का उत्सर्जन जैसी घटनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव छात्रों के मन में रासायनिक प्रक्रियाओं की गहरी समझ विकसित करता है। प्रायोगिक परीक्षा का मूल उद्देश्य छात्र-छात्राओं की उन व्यावहारिक क्षमताओं का आकलन करना होता है। मध्य प्रदेष के महाविद्यालयो, विष्वविद्यालयो और स्कूलो के प्रयोगशाला में विभिन्न उपकरणों और रसायनों के साथ कार्य करते हुए कौषल प्राप्त करते है। ज्यादातर महाविद्यालयों में प्रायोगिक कार्य आयोजित कराये बिना ही परीक्षा कराया जा रहा है इससे रसायन षास्त्र अछूता नही है,जो न केवल र्दुभाग्यपूर्ण है बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के भविष्य के लिए भी गंभीर खतरा बना गया है। क्योकि स्नातकोत्तरधारी को बीकर का संज्ञान नही और ना ही दर्षन हुये है। फिर वह स्कूल षिक्षा विभाग मे पात्रता परीक्षा उर्तीण कर नौकरी पाने के बाद क्या षिक्षा देगा ? इसका परीक्षण स्कूलो और कालेजो मे जाकर किया जा सकता है। ऐसी प्रायोगिक परीक्षा, जिसमें छात्र वास्तविक उपकरणों को छू नहीं सकते, रासायनिक पदार्थों के साथ कोई क्रिया नहीं कर सकते और न ही किसी अभिक्रिया को घटित होते हुए देख सकते हैं, वह मात्र एक कल्पना के अनुभवी बनकर रह गये है। प्रश्न तो यही उठता है कि ऐसी प्रयोगिक परीक्षा मे छात्रों को केवल सैद्धांतिक प्रश्नों के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा ? जिसमें वे किसी काल्पनिक प्रयोग की विधि, अवलोकन और निष्कर्षों का वर्णन करेंगे? बिना प्रयोगषाला के किये जा रहे प्रायोगिक परीक्षा वास्तविक …. download Trending यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। ​ February 24, 2025 | Breaking,Delhi | National Education Videos E-Paper latest… Read More प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा April 1, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव June 3, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More 70 अंकों मूल्याकंन नही करना चाहते है बाहय परीक्षक ? June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More व्यक्तिगत अनियमित्ता के चलते एट्रोसीटी एक्ट मे फंसाने के फेक सबूत गढ़े जा रहे June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More दल-बदल की लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हानिकारक June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योग्य छात्रों का नुकसान June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More Videos http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-8.11.23-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-8.10.54-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-7.39.56-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-7.39.37-PM.mp4 Follow for more : Secret crime news Quick Links HOME BHOPAL DELHI LUCKNOW EXTRAS CONTACT US ABOUT ME POLICY TERMS CONNECT WITH US : YOUTUBE WHATSAPP TWITTER

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यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। ​

latest news Secret crime news , Bhopal यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। – डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया तथा कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की तीन सदस्यीय समिति गठित की है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को फिलहाल न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा का जवाब तथा अन्य दस्तावेज संलग्न हैं। Trending यशवंत वर्मा के घर में जले या जले हुए नोटों के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति। ​ February 24, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More प्रयोगषाला एवं वास्तविक विहीन प्रायोगिक परीक्षा April 1, 2025 | Breaking,Delhi | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव June 3, 2025 | Breaking,Uttar Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More 70 अंकों मूल्याकंन नही करना चाहते है बाहय परीक्षक ? June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More व्यक्तिगत अनियमित्ता के चलते एट्रोसीटी एक्ट मे फंसाने के फेक सबूत गढ़े जा रहे June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More दल-बदल की लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए हानिकारक June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More योग्य छात्रों का नुकसान June 5, 2025 | Madhya Pradesh,Trending | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 का लगाम है डीपीडीपी एक्ट,2023 June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More आधुनिक राजनीति का स्वर्ग है श्वेत पोश अपराध June 5, 2025 | Madhya Pradesh | latest news Secret crime news , Bhopal… Read More Videos http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-8.11.23-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-8.10.54-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-7.39.56-PM.mp4http://secretcrime.local/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-01-at-7.39.37-PM.mp4 Follow for more : Secret crime news E-Papers Quick Links HOME BHOPAL DELHI LUCKNOW EXTRAS CONTACT US ABOUT ME POLICY TERMS CONNECT WITH US : YOUTUBE WHATSAPP TWITTER

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